Capacitor(कैपेसिटर) क्या होता है ? Capacitor कैसे काम करता है ?
Capacitor को condencer (कंडेंसर) भी कहा जाता है । Capacitor energy storing device होते हैं । जिन्हे खास तौर पे TV रेडियो और दूसरे प्रकार के electronic equipments में किया जाता है ।
What is Capacitor in Hindi
Capacitor ऐसे पैसिव इलेक्ट्रिकल कम्पोनंट होते हैं जो electrical energy store करते हैं । इन्हे पहले condenser (कंडेंसर) के नाम से जाना जाता था । एक capacitor electrical components से बना होता है। Insulators द्वारा seperate होता है ।
इस insulating layer को dielectric कहा जाता है। सभी capacitor में समान basics principle components इस्तेमाल होते हैं । लेकिन कुछ capacitor में material की choice और configuration एक दुसरे से अलग होती है ।
Capacitor work / Work of Capacitor
जब कोई conductor के accross voltage दिया जाता है। तब Capacitor की एक प्लेट में positive charge कलेक्ट होता है और वही दूसरी प्लेट में negative charge कलेक्ट होता है । इसीलिए physicists का मानना है कि एक Capcitor energy को electrostaticly किसी एक इलेक्ट्रिक फील्ड में store करता है ।
Types of Capacitor / Capacitor के प्रकार
- Ceramic Capacitor
- Electrolytic Capacitor
- Silver Mica Capacitor
- Tantalum Capacitor
- Polysterene Film Capacitor
- Polyster Film Capacitor
- Glass Capacitors
- Super Capacitor (Ultra Capacitor)
Ceramic Capacitor : ceramic capacitor का आम तौर से ज्यादा इस्तमाल होता है क्योंकि यह cheap और relieble होते हैं । साथ में उनका loss factor बहुत low होता है ।
Tantalum Capacitor : Tantalum Capacitor भी Electrolytic Capacitor की तरह polarised होते हैं । और बहुत ही ज्यादा high capacitance लेवल प्रदान करते हैं।
Polysterene Film Capacitor : polysterene capacitor बहुत ही cheap form होते हैं । लेकिन ये कैपेसिटर जब जरूरत पड़े तब close tolarance प्रदान करते हैं।
Polyster Film Capacitor : इस capacitor को वहा इस्तमाल किया जाता है जहा cost का बहुत ध्यान रखा जाता है। क्योंकि यह बहुत ज्यादा high tolarance प्रदान नही करते ।
Glass Capacitors : इस कैपेसिटर के नाम से ही पता चलता है की इसमें dielectric के तौर से glass का उपयोग किया जाता है। वैसे ये बहुत ही expencive होता है ।
Super Capacitor (Ultra Capacitor) : इस capacitor की ज्यादा बडी caoacitance value होती है । जो करीब several thousand farads तक हो सकती है। इनका autimotive applications में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
Fan capacitor
Fan capacitor के बारे में जानने से पहले fan के बारे में थोड़ा जान लेते हैं ।
छत पंखा क्या होता है ?
यह एक विशेष प्रकार का सिंगल फेस induction motor होता है । जिसका उपयोग गर्मी से बचने के लिए किया जाता है । यह single phase AC विद्युत supply से संचालित होता है । छत के पंखे का उपयोग दुनिया में बहुत ही ज्यादा किया जाता है । इसके रोटर पर तीन या दो पतली ब्लेड जुडी होती है ।इस मोटर का छत से लटकाकर उपयोग किया जाता है । इसे अंग्रेजी में सीलिंग फैन (celling fan ) कहा जाता है ।
Celling fan में Capacitor का महत्व
(Image credit : Amazon )
किसी भी AC Motor को सेल्फ स्टार्टिंग अर्थात खुद ब खुद चालू होने के लिए कम से कम दो या इससे अधिक phase की जरुरत पड़ती है। दो अलग अलग फेस की विद्युत धारा दो अलग अलग फेस वाली चुंबकीय क्षेत्र उत्पन करती है । जिससे Motor के अंदर नेट चुम्बकीय क्षेत्र का योग रोटेटिंग प्रवृति का हो जाता है । जो Motor के रोटर पर एक रोटेटिंग टॉर्क लगाता है । जिससे मोटर गुमने लगता है । लेकिन हमारे घर में single phase power आता है । इसलिए Motor के अंदर दुसरा phase उत्पन्न करने के लिए capacitor को स्टार्टिंग वाइंडिंग के श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है ।(मोटर के रनिंग वाइंडिंग के श्रेणी क्रम मे भी जोड़ा सकता है लेकिन मोटर के गुमने की दिशा बदल जायेगी। इसका मतलब ये हुआ कि किसी भी सर्किट में capacitor लगा कर दो अलग अलग फेस उत्पन्न किया जा सकता है।
इसी वजह से single phase motor के स्टार्टिंग वाइंडिंग में Capacitor को जोड़ा जाता है।
कंडेंसर (capacitor) को जोड़ने पर मोटर के साथ नीचे दी गई घटना बनती हैं ।
- स्टार्टिंग वाइंडिंग के साथ capacitor जुड़े रहने पर करंट, voltage से 45° डिग्री आगे रहेता है ।
- स्टार्टिंग वाइंडिंग में टर्न्स की संख्या ज्यादा होने की वजह से यह एक inductor की तरह कार्य करता है । जिससे इसमें वोल्टेज , करंट से 45°डिग्री आगे रहेता है ।
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